Friday, September 7, 2018

मुक्तक

खुल के हँसता हूँ और न रोता हूँ
जब कभी मैं उदास होता हूँ
अब तुम्हें याद ही नहीं करना
रोज ये खुद से कह के सोता हूँ
~ अमन चाँदपुरी

2 comments:

  1. बढ़िया मुक्तक।
    जब कभी मैं उदास होता हूँ
    खुल के हँसता हूँ और न रोता हूँ
    अब तुम्हें याद ही नहीं करना
    रोज ये खुद से कह के सोता हूँ

    ReplyDelete

नवगीत - अमन चाँदपुरी

चेहरा-पुस्तक पर हम दिन भर ड्यूटी करते हैं।। मोबाइल को लिए हाथ में आँखें मींच रहे। नोटिफिकेशन की फुलवारी को फिर सींच रहे। च...